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वाराणसी। पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के पुलिस आयुक्त श्री मोहित अग्रवाल ने शनिवार को यातायात लाइन स्थित सभागार में आयोजित पुलिस पेंशनर्स गोष्ठी में तीन नए आपराधिक कानूनों — जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग साक्ष्य और फॉरेंसिक एविडेंस के अनिवार्य उपयोग पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने साइबर अपराधों से बचाव को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
🔹 नए कानूनों की जानकारी — पुलिस कमिश्नर ने उदाहरणों के साथ समझाया
पुलिस आयुक्त ने बताया कि नए कानूनों का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को सरल, सुलभ और पारदर्शी बनाना है।
1. जीरो एफआईआर का प्रावधान:
अब अपराध कहीं भी हुआ हो, एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज की जा सकती है। कमिश्नरेट वाराणसी में अब तक 35 जीरो एफआईआर दर्ज कर संबंधित जिलों को भेजी गई हैं।
2. ई-एफआईआर की सुविधा:
लोग घर बैठे ही वेबसाइट uppolice.gov.in पर ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कर सकते हैं। अब तक 327 ई-एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिससे नागरिकों को थाने में आए बिना रिपोर्टिंग की सुविधा मिली।
3. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्यायिक साक्ष्य:
वरिष्ठ नागरिकों और दूरस्थ व्यक्तियों के लिए राहतभरा प्रावधान — अब बयान या गवाही वीडियो लिंक से दी जा सकती है। वाराणसी में 824 पेंशनर्स ने इस सुविधा का लाभ उठाया।
4. फॉरेंसिक एविडेंस का अनिवार्य उपयोग:
अपराधों की जांच में वैज्ञानिक सबूतों को प्राथमिकता — अब तक 2431 मामलों में फॉरेंसिक साक्ष्य संकलित किए गए हैं। इससे 7 वर्ष से अधिक सजा योग्य अपराधों में दोषसिद्धि दर में वृद्धि हुई है।
साइबर अपराधों से सतर्कता पर विशेष बल
पुलिस आयुक्त ने पेंशनर्स को साइबर अपराधों के खतरों से आगाह करते हुए कहा —
> “आज का अपराधी हथियार नहीं, मोबाइल और इंटरनेट से हमला करता है। हर नागरिक को साइबर सतर्कता का सिपाही बनना होगा।”
उन्होंने बताया:
किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा “डिजिटल अरेस्ट” नहीं किया जाता।
शिकायत केवल cybercrime.gov.in या नजदीकी थाने में ही दर्ज कराएं।
OTP, UPI PIN, बैंक पासवर्ड कभी साझा न करें।
CBI, NCB या पुलिस अधिकारी बनकर धमकाने वाले कॉल ठगी के प्रयास हैं।
“इनाम, नौकरी या गिफ्ट लिंक” से पैसे मांगने वाले 100% फर्जी होते हैं।
पेंशनर्स की समस्याओं पर मानवीय पहल
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पेंशन विसंगति, भुगतान, चिकित्सा प्रतिपूर्ति व अन्य लंबित मामलों के समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि —
> “सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी हमारी संस्था की रीढ़ हैं, उनकी समस्याओं का संवेदनशीलता से समाधान प्राथमिकता है।”
उन्होंने थानों पर तैनात अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने थाना क्षेत्र में रहने वाले सभी पुलिस पेंशनर्स से नियमित संवाद बनाए रखें ताकि समस्याओं का त्वरित समाधान और आत्मीय जुड़ाव बना रहे।
🔹 वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
गोष्ठी में पुलिस उपायुक्त लाइन प्रमोद कुमार, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन वैभव बांगर, अपर पुलिस उपायुक्त प्रोटोकॉल जंग बहादुर, सहायक पुलिस आयुक्त ईशान सोनी सहित पुलिस विभाग के अनेक अधिकारी व बड़ी संख्या में पुलिस पेंशनर्स मौजूद रहे।
🟩 समापन में संदेश
गोष्ठी के अंत में पुलिस आयुक्त ने कहा —
> “कानून और तकनीक का मेल ही भविष्य की पुलिसिंग है। जो जितना जागरूक होगा, वह उतना ही सुरक्षित रहेगा।”










